Wednesday, January 7, 2015

Jaat and Muslim

एक जाट के पड़ोस में मुल्ला रहता था।
मुल्ले कि बेगम गुजर गई।
जाट ने सोचा मुल्ले के पास बहुत पैसे
हैं,
कुछ आमदनी की जाये।
जाट छाती पीटता हुआ मुल्ले के घर
जा कर रोते हुए कहने लगा,
"मेरा "सलमा बेगम" से बहुत
प्यार था। मैं उसके बिना कैसे
जीऊंगा।
मुझे भी ""सलमा बेगम के साथ दफना आओ।"
मुल्ला हाथ जोड़ कर बोला, "चौधरी दूर-
दूर से रिस्तेदार
आने वाले हैं।
ऐसे मत कर। बहुत बेइज्जती होगी।"
जाट ने कहा, "ठीक है, एक लाख रुपए दे दे,
मैं चुपचाप
चला जाऊंगा। "
मुल्ले ने एक लाख रुपए दे दिए और जाट
खुशी खुशी अपने
घर चला गया।
कुछ दिन बाद जाटनी मर गई।
मुल्ले ने सोचा, अब मौका आया है। जाट
से ब्याज समेत पैसे वापिस
लाऊंगा।
मुल्ला रोता हुआ जाट के घर जा कर
बोला, "मेरा और
जाटनी का बहुत प्यार था। मैं भी इसके
साथ मारूंगा।
मने भी इसके साथ फूँक आओ।"
यह सुनकर जाट अपने लड़कों से बुला,
"छोरो ,
थारी माँ कहे तो करै थी कि मेरा एक
मुल्ले तै प्यार है। अच्छा तो ये
ही है वो मुल्ला ..… फूँक आओ इस ने
भी अपनी माँ के साथ। "
मुल्ला बोला, "चौधरी माफ कर दे। मैं
तो मजाक कर
रहा था।"
जाट बोला, "ठीक है, दो लाख रुपये लेआ
वर्ना लड़के
तनै फूकण नै तैयार खड़े हैं।........

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