Tuesday, September 27, 2016

कोर्ट मैरीज करनी है

कोर्ट मैरीज करनी है या माता पिता से पूछ कर अरैंज मैरीज करनी है, लड़के ने लड़की से पुछा.....













लड़की ने कहा हम गरीब हैं और मेरे पिताजी अभी शादी का खर्चा नहीं उठा सकते










और





















मैं अपने माता पिता का बहुत सम्मान करती हूँ मैं भागने की बजाय मर जाना पसंद करूँगी.















लेकिन आप मेरे माता पिता से बात कर सकते हैं, बाकी वे जैसा कहेंगे वैसा ही होगा.
















लड़के ने कहा “मुझे क्या परेशानी होगी" मैने कौन सी दहेज की मांग रखनी है.



















तुम कह रही हो तो मैं तुम्हारे माता पिता से बात कर लूंगा,











लड़का उसके घर जाता हा और लड़की के माता पिता से बात करता है.


















लड़की के पिता ने कहा मेरे पास तो केवल 1000 रूपये ही पड़े हैं,

















मैं शादी कैसे करूं, लड़के ने कहा शादी तो हजार रूपये में भी हो जाती है...















लड़की के पापा ने कहा वो कैसे ? 'लड़के ने कहा आप कल मेरे साथ चलना.




















अगले दिन लड़का आता है और कहता कि अपने परिवार के खास खास सदस्यों को लेकर मेरे साथ चलिये.


















वो सब उसकी गाड़ी में बैठ जाते हैं थोड़ी दूर जाकर एक मिठाई की दूकान के सामने लड़का गाड़ी रोकता है़...


























और कहता है पापाजी आप दो किलो बढ़ीया सी मिठाई ले आईये.


















वो मिठाई ले आते हैं उसके बाद लड़का कोर्ट के साम गाड़ी रोकता हैे और कोर्ट में लड़की के साथ शादी का रजिर्स्टेशन करवाता है.




















लड़का कहता है पिताजी हो गयी शादी, अब आप मिठाई बांट दीजिए और हो गयी एक हजार की मिठाई में शादी.
















आपको और कोई खर्चा नहीं करना है, लड़की के पिता की आंखों में आंसू आ जाते हैं.






















लेकिन एक महिने बाद ही लड़के की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है.



















लड़की दुर्घटना वाली जगहा पर पहूँचती है, लेकिन मृत शरीर (डेड बॉडी) को देखकर बेहोश हो जाती है..

















लड़के का पोस्टमार्टम होता है और (मृत शरीर) डेड बॉडी और खून से लथपत कपड़े घर आ जाते हैं ...




















लड़के का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.


























लड़की ने वो खून से सने कपड़े धोबी को धोने के लियें दिये.



















धोबी ने कहा..'मैडम ये कपड़े फैंक दीजिए.

















ये बेकार हो गये है


















लेकिन लड़की ने कहा तुम रहने दो...

















मेरे पास ये कपड़े उनकी याद के तौर पर रहेंगे, मैं इन कपड़ों को किसी को नहीं दूंगी.





















लड़की ने कपड़े खुद धोये लेकिन खून के दाग नहीं गये.














लड़की सो गई, सपने में लड़की को एक बुढ़़ीया नजर आयी.













































लड़की डर कर उठ जाती है,  अगले दिन लड़की ने कपड़े फिर धोये.





















लेकिन दाग नहीं गये,रात को लड़की को फिर वही भयानक चेहरे वाली बुढ़़ीया नजर आई.



















उसने कहा ये दाग ऐसे ही नहीं जाने वाले.






































ऐसा कुछ हफ्तों तक चलता रहा.
















लड़की के लियें सोना मुश्किल हो गया..एक दिन लड़की के घर की घंटी बजी.....




लड़की ने दरवाजा खोला......












तो













तो




लड़की डर के मारे चीख पड़ी.......




वही सपने में नजर आने वाली बुढ़ीया उसके सामने खड़ी थी....

उसने कहा, डरो नहीं बेटी, मैं जानती हूँ कि तुम कपड़ों के दाग से परेशान हो, लेकिन वो दाग ऐसे नहीं जाने वाले क्योंकि......

असल में तुम वाशिंग पाउडर ही गलत प्रयोग कर रही हो यह लो
पतंजलि वाशिंग पाउडर
इससे दाग जरूर चले जाऐगे

और

वो बुढ़ीया विना पैसे लिये ही चली जाती है.

लड़की ने उन कपड़ो को (पतंजलि वाशिंग पाउडर) से  धोया तो दाग एक दम से चले गये.

तो दाग निकालने के लियें

>पतंजलि वाशिंग पाउडर<

प्रयोग कीजिए.

खून तो मेरा भी बहुत खौला था जब मुझे भी किसी ने यह भेजा था.

😂😂😂😂😂😂

Monday, September 5, 2016

निरोगधाम पत्रिका

❤ जीवनोपयोगी❤

1.  सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए

    उत्तर -     हल्का गर्म

2.  पानी पीने का क्या तरीका होता है

    उत्तर -    सिप सिप करके व नीचे बैठ कर

3.  खाना कितनी बार चबाना चाहिए

     उत्तर. -    32 बार

4.  पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए

     उत्तर. -     सुबह

5.  सुबह का नाश्ता कब तक खा लेना चाहिए

     उत्तर. -    सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक

6.  सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए
    
     उत्तर. -     जूस

7.  दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए

    उत्तर. -     लस्सी / छाछ

8.  रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए

    उत्तर. -     दूध

9.  खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए

    उत्तर. -     रात को

10. आईसक्रीम कब खानी चाहिए

       उत्तर. -      कभी नही

11. फ्रिज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद
      खानी चाहिए

      उत्तर. -    1 घण्टे बाद

12. क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए

       उत्तर. -      नहीं

13.  बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा
      लेना चाहिए

      उत्तर. -     40 मिनट

14.  रात को कितना खाना खाना चाहिए

       उत्तर. -    न के बराबर

15.  रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए

      उत्तर. -     सूरज छिपने से पहले

16. पानी खाना खाने से कितने समय पहले
      पी सकते हैं

      उत्तर. -     48 मिनट

17.  क्या रात को लस्सी पी सकते हैं

     उत्तर. -     नही

18.  सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए

       उत्तर. -     काम

19. दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना
       चाहिए

       उत्तर. -     आराम

20. रात को खाना खाने के बाद क्या करना
      चाहिए

      उत्तर. -    500 कदम चलना चाहिए

21. खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना
      चाहिए

      उत्तर. -     वज्रासन

22. खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर
      करना चाहिए.
    
      उत्तर. -     5 -10 मिनट

24.  रात को किस समय तक सो जाना चाहिए

      उत्तर. -     9 - 10 बजे तक

25. तीन जहर के नाम बताओ

      उत्तर.-    चीनी , मैदा , सफेद नमक

26. दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना
      चाहिए

      उत्तर. -     अजवायन

27.  क्या रात को सलाद खानी चाहिए

      उत्तर. -     नहीं

27. खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए

      उत्तर. -     नीचे बैठकर व खूब चबाकर

30. चाय कब पीनी चाहिए

      उत्तर. -     कभी नहीं

31. दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए

      उत्तर. -    हल्दी

32.  दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए

      उत्तर. -    कैंसर ना हो इसलिए

33. कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है

      उत्तर. -   आयुर्वेद

34. सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए

      उत्तर. -   अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)

35. ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए

      उत्तर. -    जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)

36. मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए

      उत्तर. -  मार्च से जून (गर्मियों में)

37. सुबह का पानी कितना पीना चाहिए

      उत्तर. -  कम से कम 2 - 3 गिलास

38. सुबह कब उठना चाहिए

       उत्तर. -  सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले

दोस्तों पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर करना मत भूलना
🙏🙏🙏🙏❤🙏🙏🙏🙏

श्री राधा अमृत लीला

यह बात बरसाने की हैं
जब से श्री गिरिराज, कन्हैया ने उठाया अपने नख पर तब से सारा ब्रज कनुआ महाराज कहने लगा यह लीला रास है। आनंद लेना प्रेम का , यही मंजरी रस है। सारा ब्रज चौरासी कनुआ -कनुआ महाराज करने लगा।
कन्हैया के गवालबाल  तो कन्हैया महाराज कर के बरसाने की गोपी को चिढ़ाने लगे।

अब यह तो किसी को बताया नहि के
बाँए हाथ के नख से उठाया है । और बायाँ हाथ राधा रानी का है  क्यूँकि " वामंगसर्वभूत" बाँए अंग से रूप बनाया राधा रानी ने। यह सब बरसाने की मंजरी को पता लगा तो बोली ऐसे कैसे महाराज बन गए । उठाया हमारी स्वामिनी ने ,स्वयं बोला था ना सबके सामने

*" कचु माखन से बल बड़ा,* *कचु गवालान दिए सहाय*
*श्री राधारानी की कृपा ते मैंने गिरिवर लियो उठाय।*

उठाया राधारानी ने और नाम स्वयं को धरा लियो। महाराज मंजरियों ने एक सभा बुलायी बोली हम सब मिलकर ललिताजी के पास जाएँगी और अपनी स्वामिनीजी को महारानी बनाएँगी अब यह तो प्रेम लीला है ,ना तो यह राधारानी को पता है। कौन महाराज कौन महारानी और ना गोपाल को ।

मंजरिया दोनो को मिलवाना चाहती है और रस का आनंद लेना चाहती है।

सारी ललिताजी के पास गयी ललिता जी मुस्कुरा के बोली।  " यह तो नंदगाँव के गवालान को काम ही यह है" चलो हम सब ब्रज की आदरणीय देवी पूर्णमासी देवी के पास चलते है

पूर्णमांसी देवी ब्रज की वृद्घ और हर वस्तु मुहूर्त की जानकारी रखती है पुरोहित जान लो ।सब गयी और बोली
हमको किसी भी तरह राधारानी को महारानी बनाना है । नंदगाँव के गवाल जन अपने कन्हैया  को महाराज कहतै फिरते है। पूर्णमासी बोली मंजरियों घबरायो मत। आओ हम सब वृंदावन में " इमलीतला" वृक्ष के नीचे स्वामिनी का अभिषेक कर उन्हें स्वामिनी महारानी घोषित करते है।

जैसे कन्हैया के गवाल बालों ने कन्हैया का अभिषेक कर गिरिराज उठाने के बाद गोविंद कुंड बनाया
हम भी ऐसा ही करते है। याद रखना ना यह बात स्वामिनी जाने और
ना श्यामसुंदर। अब वो दिन आ गया राधारानी का अभिषेक शुरू हो गया इमलीतला मे सारी मंजरिया " तीर्थों का जल भर स्वामिनी का अभिषेक करने आ गयी

कितना मधु
कितना घृत
कितना दही
कितना दूध
कितना गंगाजल
स्वामिनी पर प्रेम पूर्वक उड़ेले जाने लगा। अब स्वामिनी का अभिषेक हो कन्हैया ना आए। ऐसा हो सकता है कन्हैया घूमते घूमते वृंदावन में भीड़ देखी तो पूछे मधुमंगल भाई यह भीड़ कैसो है।  मधुमंगल बोला, ओह कन्हैया तू नाँय जाने,  तू महाराज बन गया ना तब ते यह सब उत्सव कर रहे होंगे। कन्हैया और राधारानी का हृदय एक है ना।  और गवाल और सखियाँ भी सब मिली हुई है युगल को मिलाने के लिए यह उत्सव मेरो महाराज बनने की ख़ुशी में नहि। किसी को महारानी बनाने की ख़ुशी में हो रहो है। क्यूँकि जब स्वामिनिजी पर दूध दही पंचगव्या उँडेला जा रहा था तब उनके अंगों के ख़ुशबू से श्यामसुंदर का रोम रोम पुलकित हो रहा था।

तो पहचान गया भाव को, आपका महाराज मधुमंगल बोला लाला मोको तो जे बरसाने की गोपिन्न दीखे,तू मान लाला यहाँ ते निकल ले, कन्हैया बोला -अरे मधुमंगल एक और तुम मोको राजा कहो,महाराजा कहो ,और एक और डरो

अब देखने दो इस महाराज के राज में उसकी प्रजा क्या कर रही है मधुमंगल जब तक तू मेरे साथ है मेरा मंगल ही मंगल है।

मधुमंगल ने जब द्वार पर ललिताजी को डंडा लिए देखा तो बोला लाला आज मधुमंगल को ही मंगल नाँय है
तो तेरो कैसो होगो, देख द्वार पर
ललिता खड़ी है डंडा लिए। अब श्यामसुंदर तो स्वामिनीजी के प्रेम रस
अभिषेक दर्शन को लालियत थे। उन्हें ललिता आदि कुछ नहि दिखता श्यामसुंदर पहुँच गए। ललिता जी से बोले

" ओह मेरी कोमलाँगि ललिताजी आज आप यहाँ  बोलो मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ। ललिताजी बोली
महाराज आप यहाँ आए हो  हमें बुला लिया होता।  कन्हैया थोड़े " झहप से गए और बोले अरि दयमयी ललिता अंदर क्या हो रहा है। अब कन्हैया की नैन तो अंदर लगे हुए है और बात ललिता जी से कर रहा है ललिताजी बोली - देखो कन्हैया जो तेरे गवाल बाल ने तेरे को महाराज बनाय दियों ना,  बस बहुत हो चुका हमारी स्वामिनी महारानी है। समझा कन्हैया " टेडी सी हँसीं कर बोला" हाँ हाँ वो ही महारानी है।अब बता अंदर क्या चल रहा है। ललिता जी बोली "अंदर हमारी स्वामिनी का अभिषेक चल रहा है महारानी बनाने का । बस यह सुन कर श्यामसुंदर जैसे अंदर जाने को आतुर होने लगे उनका रोम रोम प्रफुलित हो गया जो उन्होंने अपने पीताम्बर से छिपा लिया। श्यामसुंदर बोले,  ललिता जी आप तो दया की मूर्ति हो , स्वामिनी का प्राण हो ,अरे आपके बिना तो सारा ब्रज सूना है।आप ब्रज की प्रधान गोपी हो ।

यह सब बोलते बोलते कान्हा नज़र अंदर ही रखे हुए था ललिता जी मुस्कुरायी और बोली , ओह ब्रज के अतिसुंदर गवाले , तू मुझसे क्या चाहता है भोए चढ़ा कर बोली , बस इस भक्त को आपकी महारानी का अभिषेक दर्शन करना, यह गवालान आदि पर भरोसा नाहीं करता । ये तो ऐसे ही मेरो नाम चड़ाते रहते है  प्रेम करते है ना ललिता मुझसे,  इसलिए परंतु असली महारानी तो  राधारानी है। श्याम बोले ,ललिता देख पूरे ब्रज में दो वस्तु ही अधिक प्रसिध्द है

एक मेरो मुरली
दूसरा तेरो डंडा

दोनो ही बाँस के है । सच बोलू मैं ललिता जी,पर अभिषेक दर्शन तो तू कर लेगो, भेंट के देगो।  दारी के श्यामसुंदर सोचे भेंट तो लायो ना और
यह बिना भेंट के अंदर जाने नहि देगी
अब मधुमंगल भी भाग गया। क्या करूँ अपना कर अपने कपोलों पर रख सोचने लगा पर नैन अंदर गड़ा रखे थे। अंदर से ध्वनि हुई राधारानी महारानी के जय कन्हैया ने सोचा अब देर नाहे करनी, भले ही कुछ हो जाए अभिषेक दर्शन तो करूँ।  अपनी महारानी का

तभी कन्हैया ने अपनी " मुट्ठी बना ली और बोला देख ललिता, मेरे हाथ में भेंट है।  इतनी बड़ी भेंट के मुट्ठी बंद करनी पड़ी ललिता जी बोली, कन्हैया छल नाहे करियों हम बरसाने वारी है
कन्हैया बोला अरे नहि ललिताजी आपसे क्या छल, आपके डाँट मार से हम वाक़िफ़ नहि है क्या।

बस छल लिया
और चल दिया

गोपाल ललिता जी हाथ पकड़ अंदर ले गयी ।कन्हैया मुट्ठी बनाय रखो ताकि भेंट लगे हाथ मे। अंदर जैसो गया, इतना सुंदर मनमोहक ख़ुशबू के श्याम मूर्च्छित होने लगा। ललिता जी ने सम्भाला, ललिताजी बोली पहले भेंट दिखा , कन्हैया बोले-  गर्दन मटकाते हुए, देख ललिता जिसका दर्शन करना है। उसे भेंट दे दूँगा ।

आपको क्यूँ दिखाऊ ललिताजी बोली
चल ग़ुस्सा नाँय हो।  आ कराऊ दर्शन ँ जैसे ही अंदर प्रवेश किया , इमली के पेड़ के नीचे , स्वामिनिजी सफ़ेद चमकना वस्त्र पहने सिद्धआसन में बैठ ,दोनो नेत्रो को अपने भूमि पर टिकाय, दोनो हाथो को गोद में एक दूसरे पर रख विराजमान थी श्यामसुंदर के चरणो की आहट से स्वामिनी का ध्यान भंग हुआ और उनके अंग पर लगे चंदन के सुगंध से स्वामिनीजी का रोम रोम पुलकित हुआ और अष्ट सात्विक भाव आ गए स्वामिनीजी ने श्याम को देखा ,श्याम ने स्वामिनी को । बस अविरल अश्रु धारा बह चली अब मंजरिया सब भूल गयी कौन महाराज कौन महारानी सब उस दृश्य में चित्रलिखित के भाँति पड़ गए । शांति ही शांति बस अश्रुओ के गिरने की आहट एक पल  एक युग लगा मानो। मानो दोनो एक दूसरे से परस्पर एकांत मिलन चाहै सेवा प्रदान करना चाहते है। स्वामिनीजी जैसे मन से कह रही हो।

" अब आएँ हो श्यामसुंदर, मैं कब से बैठी थी। अरे मेरा अभिषेक तो आपने अपने प्रेमाश्रु से कर दिया ै अब चलो गलबाँहि डाल श्यामसुंदर मन से बोले
स्वामिनी, मुझे क्षमा कर दो।मेरा प्राण प्राण आपका अभिषेक करना चाहता है। बस एक पल में दोनो भाव की महासमाधि में चले गए और कुछ याद नही ललिताजी ने, लीला रस के आनंद में, कन्हैया को हाथ मारा और बोली, कर लिया दर्शन। चल अब दे भेंट। कन्हैया तो स्तम्भ था जैसे ही हाथ पड़ा, बोला  हाँ हाँ दूँगा भेंट स्वामिनी को दूँगा अपने हाथो से। 

कन्हैया पास आकर बैठ गया। ललिता जी " बोली स्वामिनी हाथ आगे बड़ायो कन्हैया कुछ भेंट देंगे।  स्वामिनीजी ने अपने अति कोमल छोटे से हाथ जब निकाले । स्वामिनी बोली ललिता क्या देंगे श्याम मुझे । मुझे जो चाइए वो मिल गया ( प्रेमाश्रु) ललिता जी ( मंजरीओ के और आँख मिचकाकर) बोली,  आप बड़ी भोली है, यह दर्शन कर गया । भेंट तो देगा भौए चढ़ाकर बोली " आख़िर महाराज है स्वामिनी ने हाथ बाहर निकाले , अब श्याम मुश्किल में  कुछ था नहीं उनके पास तभी अपना हाथ अपने नैनो में लगे काजल को पोछा, जैसे रो रहा हो और हाथ काजल से पोंछ कर  स्वामिनी के हाथ में अपना हाथ रख कुछ लिखने लगा। ललिता ने ज़ोर से हुंकार मार बोली। यह क्या भेंट है।

क्या लिख रहा है। स्वामिनीजी बोली
ललिताजी, जब लिख लेगा तो देख लेना। मेरा श्याम कुछ अनमोल भेंट है।  देगा तभी श्याम ने अपने काजल से स्वामिनी के हाथ पे लिख दिया और स्वामिनी ने मुट्ठी बंद कर ली ललिता जी बोली।

दिखाओ क्या लिखा महाराज ने, स्वामिनी ने अपना " लाल रंजित मेहंदी युक्त हाथ दिखाया तो उस पर क्या लिखा था ???? े

" हे स्वामिनी आज से सारा ब्रज चौरासी मैंने आपके नाम कर दिया "
आप महारानी हुई ।

जानते हो कौन से हाथ पर लिखा , उसी बाँए हाथ पर, जिस बाय हाथ से गिरिराज उठा महाराज नाम पाया था। तो स्वामिनी ने बाँह हाथ से गिरिराज उठवायाऔर उसी के बाय हाथ पर लिखा।

ब्रज चौरासी नाम कर दियों

*ब्रज ठकुरानी की जय*

🎪     *जय गौर हरि*     🎪

Friday, September 2, 2016

लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!

कोर्ट में एक अजीब मुकदमा आया
😔
😔
एक सिपाही एक कुत्ते को बांध कर लाया
😔
😔
सिपाही ने जब कटघरे में आकर कुत्ता खोला
😔
😔
कुत्ता रहा चुपचाप, मुँह से कुछ ना बोला..!
😔
😔
नुकीले दांतों में कुछ खून-सा नज़र आ रहा था
😔
😔
चुपचाप था कुत्ता, किसी से ना नजर मिला रहा था
😔
😔
फिर हुआ खड़ा एक वकील ,देने लगा दलील
😔
😔
बोला, इस जालिम के कर्मों से यहाँ मची तबाही है
😔
😔
इसके कामों को देख कर इन्सानियत घबराई है
😔
😔
ये क्रूर है, निर्दयी है, इसने तबाही मचाई है
😔
😔
दो दिन पहले जन्मी एक कन्या, अपने दाँतों से खाई है
😔
😔
अब ना देखो किसी की बाट
😔
😔
आदेश करके उतारो इसे मौत के घाट
😔
😔
जज की आँख हो गयी लाल
😔
😔
तूने क्यूँ खाई कन्या, जल्दी बोल डाल
😔
😔
तुझे बोलने का मौका नहीं देना चाहता
😔
😔
लेकिन मजबूरी है, अब तक तो तू फांसी पर लटका पाता
😔
😔
जज साहब, इसे जिन्दा मत रहने दो
😔
😔
कुत्ते का वकील बोला, लेकिन इसे कुछ कहने तो दो
😔
😔
फिर कुत्ते ने मुंह खोला ,और धीरे से बोला
😔
😔हाँ, मैंने वो लड़की खायी है😔
😔अपनी कुत्तानियत निभाई है😔
😔कुत्ते का धर्म है ना दया दिखाना😔
😔माँस चाहे किसी का हो, देखते ही खा जाना😔
😔पर मैं दया-धर्म से दूर नही😔
😔खाई तो है, पर मेरा कसूर नही😔
😔मुझे याद है, जब वो लड़की छोरी कूड़े के ढेर में पाई थी😔
😔और कोई नही, उसकी माँ ही उसे फेंकने आई थी😔
😔जब मैं उस कन्या के गया पास😔
😔उसकी आँखों में देखा भोला विश्वास😔
😔जब वो मेरी जीभ देख कर मुस्काई थी😔
😔कुत्ता हूँ, पर उसने मेरे अन्दर इन्सानियत जगाई थी😔
😔मैंने सूंघ कर उसके कपड़े, वो घर खोजा था😔
😔जहाँ माँ उसकी थी, और बापू भी सोया था😔
😔मैंने भू-भू करके उसकी माँ जगाई😔
😔पूछा तू क्यों उस कन्या को फेंक कर आई😔
😔चल मेरे साथ, उसे लेकर आ😔
😔भूखी है वो, उसे अपना दूध पिला😔
😔माँ सुनते ही रोने लगी😔
😔अपने दुख सुनाने लगी😔
😔बोली, कैसे लाऊँ अपने कलेजे के टुकड़े को😔
😔तू सुन, तुझे बताती हूँ अपने दिल के दुखड़े को😔
😔मेरी सासू मारती है तानों की मार😔
😔मुझे ही पीटता है, मेरा भतार😔
😔बोलता है लङ़का पैदा कर हर बार 😔
😔लङ़की पैदा करने की है सख्त मनाही😔
😔कहना है उनका कि कैसे जायेंगी ये सारी ब्याही😔
😔वंश की तो तूने काट दी बेल😔
😔जा खत्म कर दे इसका खेल😔
😔माँ हूँ, लेकिन थी मेरी लाचारी😔
😔इसलिए फेंक आई, अपनी बिटिया प्यारी😔
😔कुत्ते का गला भर गया😔
😔लेकिन बयान वो पूरे बोल गया....!😔
😔बोला, मैं फिर उल्टा आ गया😔
😔दिमाग पर मेरे धुआं सा छा गया😔
😔वो लड़की अपना, अंगूठा चूस रही थी😔
😔मुझे देखते ही हंसी, जैसे मेरी बाट में जग रही थी😔
😔कलेजे पर मैंने भी रख लिया था पत्थर😔
😔फिर भी काँप रहा था मैं थर-थर😔
😔मैं बोला, अरी बावली, जीकर क्या करेगी😔
😔यहाँ दूध नही, हर जगह तेरे लिए जहर है, पीकर क्या करेगी😔
😔हम कुत्तों को तो, करते हो बदनाम😔
😔परन्तु हमसे भी घिनौने, करते हो काम😔
😔जिन्दी लड़की को पेट में मरवाते हो😔
😔और खुद को इंसान कहलवाते हो😔
😔मेरे मन में, डर कर गयी उसकी मुस्कान
😔लेकिन मैंने इतना तो लिया था जान😔
😔जो समाज इससे नफरत करता है😔
😔कन्याहत्या जैसा घिनौना अपराध करता है😔
😔वहां से तो इसका जाना अच्छा😔
😔इसका तो मर जान अच्छा😔
😔तुम लटकाओ मुझे फांसी, चाहे मारो जूत्ते😔
😔लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते😔
😥लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!! Please read and share.👏
👏...
मेरा सभी भारत वासियों से विनम्र निवेदन है
की
ऐसी कवितायेँ रोज रोज नहीं मिलतीं
इसलिये इस कविता को अधिक से अधिक शेयर कर मानवता का परिचय दें...

कहाँ गए वो प्यारे दिन जब...

➨ रात को सोने से पहले परिवार के सारे सदस्य घंटो बातें किया करते थे और रात का एक बज जाता था,बच्चों को शूरवीरों की कहानियाँ सुनाई जाती थी
अब सब हाथ में मोबाइल लिए हुए सो जाते हैं..

➨ लाइट जाती थी तब पूरा मोहल्ला बड़ के पेड़ के नीचे बैठ कर एक दुसरे की टांग खीचते थे,
अब तो inverters की वजह से घर से ही नहीं निकलते..
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➨ चूल्हे की आग पर डेगची में गुड़ वाली चाह्(चाय) की महक 10 किल्ले दूर तक जाती थी,
आज चाय गैस पर बनती है महक छोडो स्वाद का भी पता नहीं लगता..
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➨ औरतें घूँघट काढती थी और लडकिया चुन्नी लेती थी,
अब कवारियां ढाठा मार के सुल्ताना डाकू बन रही हैं
और ब्याही हुई सर भी नहीं ढक रही..

➨ पहले पूरे दिन हारे पर कढोणी में दूध उबलता था और सीपी से खुरचन तार के खाते थे और उस दूध की दही इतनी स्वाद बनती थी,
अब तो गए दूकान पर 15 का दही पाउच ले लिया..
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➨ कोई रोता था तो सब चुप करवाते थे
अब सब रुलाते है..
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➨ कच्ची फूस की छान में पानी मार कर झोपडी में सोने में बहोत मज़ा आता थी बिलकुल ठंडी हो जाती थी
अब वैसे ठंडक AC भी नहीं दे रहे..
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➨ पहले बड़ी मूँछ और सफ़ेद पगड़ी में चौधरियों की चौधर न्यारी ही दिखती थी
एक आवाज से ही पूरा गाँव कट्ठा हो जाता था,
अब ना पगड़ियाँ ना मूँछ क्लीन शेव रहते है और ना आवाज में कोई दम..
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➨ दारु बड़े बूढे पीते थे अब तो 8वीं से ही पीना शुरू कर देते हैं..
➨ पहले ज़मीन को माँ समझा जाता था
अब एक जमीन का टुकड़ा जिसे बेच कर कोठी बना लो एक कार ले लो और रोज उस कार में बैठ कर दारु और मुर्गा चलने दो..
.
➨ पहले गाँव की लड़की वापिस अपने मायके आती तो पूरा गाँव पूछता की बेटी ठीक है ना सब,
अब इसलिए मुँह घुमा लेते है कहीं 10 रूपए मान के ना देने पड़ जाऐं..
.
➨पहले सभी एक दूसरे को राम राम बोलते थे अब हेल्लो हाय
पहले लड़ाइयां इज़्ज़त और सम्मान के लिए लड़ी जाती थी अब दारु पीकर अपने आप हो जाती है

गाय  हमारी
COW बन गयी,

                    शर्म हया अब
                  WOW बन गयी,

  काढ़ा  हमारा
CHAI बन गया,

                     छोरा बेचारा
                   GUY बन गया,

    योग हमारा
YOGA बन गया,

                     घर का जोगी
                  JOGA बन गया,

भोजन 100 रु.
PLATE बन गया,

         ..हमारा भारत
       GREAT बन गया..

  घर की दीवारेँ
WALL बन गयी,

          दुकानेँ
SHOPING MALLबन गयीँ,

                        गली मोहल्ला
                    WARD बन गया,

    ऊपरवाला
LORD बन गया, 

  माँ हमारी
MOM बन गयी,

                             छोरियाँ
        ITEM BOMB बन गयीँ,

  तुलसी की जगह
मनी प्लांट ने ले ली..!

                    चाची की जगह
                    आंटी ने ले ली..!

पिता जी  डेड हो गये..! 
           भाई तो अब ब्रो हो गये..!
         बेचारी बेहन भी अब
          सिस  हो गयी..!

     दादी की लोरी तो अब
     टांय टांय फिस्स हो गयी..!

टी वी के सास बहू में भी
अब साँप नेवले का रिश्ता है..!
                पता नहीं एकता कपूर
           औरत है या फरिश्ता है..!!!

   जीती जागती माँ बच्चों के
      लिए ममी हो गयी..!

        रोटी अब अच्छी कैसे लगे
मैग्गी जो इतनी यम्मी हो गयी..!

गाय का आशियाना अब
      शहरों की सड़कों पर बचा है..!

             विदेशी कुत्तों ने लोगों के
   कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..!

    बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर
          दिल टूट रहा है..!

      हमारे द्वारा ही हमारी
      भारतीय सभ्यता का
       साथ छूट रहा है.....  

        ☝  🎯  👀
            एक मेसेज
    भारतीय सभ्यता के नाम.....

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