Wednesday, February 4, 2015

छुप छुप के कही पोस्ट

छुप छुप के कही पोस्ट मेरी पढती होगी,
मेरी तस्वीरों से तंहाई मे लड़ती होगी ,
जब भी मेरी याद उसे आती होगी,
लगता है अब भी वो रो पड़ती होगी,.

How do when the love of count Raff ... ... ... ... ... ... ...Take your own fun at the lost loved ones!

क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर
कहे...!!
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है....

[हाथो की लकीरों के........ फरेब में मत आना ]
[ज्योतिषो की दूकान पर मुक्कदर नहीं बिकते]

कभी-कभी पत्थर की ठोकर से
भी नहीं आती खरोंच..!
और कभी ज़रा सी बात से इंसान बिखर जाता है..!

रोज रोते हुए कहती है
ज़िन्दगी मेरी मुझसे..
सिर्फ एक शख्स की खातिर मुझे बरबाद ना करो तुम..

दिलों की बात करता है ज़माना...
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है

दिल तो दोनों का टूटा हैं ...
वरना चाँद में दाग और सूरज में आग ना होती !!!

कसे भुला दू , मै आपको ।।
------अ-----जान--------
मौत इन्सान की आती है यादो की नही ।।

खुदा मिले ना या ना मिले ख्वाइश नहीं,
सनम का दीदार हो जाए, ये ही काफी है !!


कुछ हार गयी तकदीर कुछ टूट गए सपने
कुछ गैरों ने बर्बाद किया कुछ छोड़ गए अपने


आग लगी थी मेरे घर को, उसने पूछा क्या जला है ???
मैने कहा बस मैं ही बचा हूँ ,, तो परी बोली फ़िर जला ही क्या है ।।।।।।


अगर पता होता कि इतना तड़पाती है
महोब्बत..
..
तो कसम से दिल लगाने से पहले हाथ जोड़
लेते..]

जो बात "हम" में थी___ वो बात ना "तुम" में हैं___ ना "मुझ" में हैं !! ☆*

बड़ी बारीकी से तोडा है, उसने दिल का हर कोना]
[मुझे तो सच कहुँ, उस के हुनर पे नाज़ होता है...


आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना !
हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं !!

कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसा कोई…
जो तुम्हारे सितम भी सहे…. और तुमसे मुहब्बत भी करे.....

Hum Jiyege Apni Marji Se ....
Orrr Tum Per MAREGEEEE Bhi Apni Marji Se ....

हर बाजार मे नीलाम हुए हम,
खरीददारो के गुलाम हुए हम,.
मेरी किस्मत तो देखो......
बोली उसने ना लगाई,जिसके लिए बदनाम हुए हम l

हमे तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं हुए कभी....!
और बदनाम ऐसे - ऐसे हुए जैसे इश्क़ के बादशाह थे हम....!!

गली मैं बदनामी का
आलम ये है
की
उपवास के लिए चिप्स लेने जाओ,
तो
दो
डिस्पोजेबल गिलास देके
दुकानदार पूछता है "
आज भी दारु का प्रोग्राम है
क्या?"

झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है....!
मैंने तो मोहब्बत करके ग़म का खजाना पा लिया....!!

हमदर्दी ना करो मुझसे ऐ मेरे हमदर्द दोस्तों ....!
वो भी बड़े हमदर्द थे जो दर्द हजारों देगए ....!!

अजीब सिलसिला है उसकी मोहब्बत का....!
न उसने कैद मै रखा न हम फरार हो पाये....!!

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना, 
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी!

उस पागल को क्या पता जिस मंदिर मे वो मेरी मौत की दुआ करते है....!
उस मंदिर मे हमने अपनी जान गिरवी रखी है उसे पाने के लिए ....!!

वोह पत्थर भी मारे तो झोली भर लेंगे....!
महबूब के तोहफे को कभी ठूकराया नहीं करते हम....!!

ख़ुद को मोहब्बत में हमने बादशाह ही जाना, 
एहसास तो तब हुआ जब वफ़ा माँगी हमने फकीरों की तरह!

मुझे उंचाईयो पर देख कर हैरान है बहुत लोग
पर किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे ।

"जिस उम्र में हमारे दूध के दांत टुटा करते थे,
उस उम्र में आज बच्चो के दिल टूट जाते है".....

ग़ालिब ने खूब कहा है :
ऐ चाँद तू किस मजहब का है !!
ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा!!

सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न
समझा..!
जमाना तो आज भी मुझे

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