Tuesday, August 30, 2016

औरत

औरत
वो "औरत " दौड़ कर रसोई तक,
दूध बिखरने से पहले बचा लेती है ।
समेटने के कामयाब मामूली लम्हो में,
बिखरे "ख्वाबो" का गम भुला देती है।

वक़्त रहते रोटी जलने से बचा लेती,
कितनी "हसरतो" की राख उड़ा देती है ।

एक कप टूटने से पहले सम्हालती,
टूटे "हौसलो" को मर्ज़ी से गिरा देती है ।

कपड़ो के दाग छुड़ा लेती सलीके से,
ताज़ा जख्मो के हरे दाग भूला देती है ।

कैद करती "अरमान" भूलने की खातिर,
रसोई के एयर टाइट डब्बो में सज़ा लेती है।

कमजोर लम्हो के अफ़सोस की स्याही,
दिल की दिवार से बेबस मिटा लेती है ।

मेज़ कुर्सियों से "गर्द" साफ़ करती,
कुछ ख्वाबो पर "धूल" चढ़ा लेती है।

सबके सांचे में ढालते अपनी जिंदगी,
"हुनर" बर्तन धोते सिंक में बहा देती है।

कपड़ो की तह में लपेट खामोशी से,
अलमारी में कई "शौक" दबा देती है।

कुछ अज़ीज़ चेहरों की आसानी की खातिर,
अपने मकसद आले में रख भूला देती है।

घर भर को उन्मुक्त गगन में उड़ता देखने,
अपने सपनों के पंख काट लेती है ।

हाँ !
हर घर में एक *औरत* है,
जो बिखरने से पहले सम्हाल लेती है ।

आओ wife की नज़र से देखें !

*आओ wife की नज़र से देखें !*

दुनियाँ का सबसे परफ़ेक्ट आदमीं - *उसका डैडी.*

दुनियाँ की सबसे प्यारी औरत - *उसकी माँ.*

दुनियाँ की सबसे अक़्लमंद औरत - *वो ख़ुद.*

दुनियाँ का सबसे दुखी पति - *उसका भाई.*

दुनियाँ की सबसे बड़ी चुडैल - *उसकी भाभी.*

दुनियाँ का सबसे सुंदर बालक - *उसका बेटा.*

दुनियाँ का सबसे कामयाब आदमीं - *उसकी बहिन का पति.*

दुनियाँ की सबसे गँवार औरत - *उसकी सास.*

और अंत में !

*दुनियाँ का सबसे ख़राब, निक्कमां, ख़ुदगर्ज़, झूठा, कंजूस, बेकार आदमी !!*

*यह भी लिखना पड़ेगा क्या !!*😛

खुद ही समझ जाओ 😜😜😜😜😜

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