एक बार एक चौधराईन अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने गयी.
मास्टरजी ने जब चौधराईन को देखा तो लंड आपे से बहार हो गया क्योंकि चौधराईन बहुत ही सुन्दर थी.
अब मास्टर रोज उसके लड़के से पूछता " तेरी अम्मा, मुझे अपने घर कब बुलाएगी ?
लड़का बेचारा उदास उदास रहने लग गया.
चौधराईन को जब उदासी का कारन पता चला तो लड़के से बोली कि " मास्टर जी को कहना आज बुलाया है"
मास्टर ने जब न्योता सुना तो लंड आसमान में उड़ने लग गया.
पंहुच गए शाम को चौधराईन के घर.
चौधराईन ने भी लाइन दे दी.
चौधरी दुसरे गाँव गया हुआ था.
जैसे ही रात में चुदाई का खेल शुरू होने वाला था चौधरी ने दरवाजा खटखटाया.
चौधराईन मास्टर से बोली - " जल्दी से औरतो वाले कपडे पहन लो और हाथ चक्की पे गेंहू पीसने लग जाओ, में कह दूंगी पडोसन अट्टा पीसने आयी है "
मास्टर पूरी रात गेंहू पीसता रहा.
अगले दिन फिर लड़का बोला - "मास्टर जी आज बापू गाँव गए हुए है और और माँ ने आप को बुलाया है "
मास्टर फिर पंहुच गया चुत मारने.
जैसे ही रात को चुदाई चालू होने वाली थी बहार से चौधरी ने दरवाजा खटखटा दिया.
चौधराईन बोली " जल्दी से घोडी बन जाओ और ऊपर काला कम्बल दाल लो में कह दूंगी भैंसिया है"
मास्टर गहुदी बन गया और ऊपर काला कम्बल डाल लिया.
चौधरी अन्दर आया और बोला " चौधराईन आज तो लंड बहुत टाइट हो रखा है जल्दी से आ जाओ "
" नहीं जी, मेरा मासिक चल रहा है में नहीं दूंगी " चौधराईन बोली
चौधरी - " कोई बात नहीं, अब कुछ तो करना ही पड़ेगा, ये क्या है ? भैंसिया है क्या ?
चौधराईन " हाँ भैसिया है, ठण्ड ज्यादा थी ना तो मैंने अन्दर बाँध दिया है"
चौधरी - " अच्छा किया, चलो आज भैंसिया की ही लेते है " चौधरी ने कम्बल ऊंचा किया और एक हाथ का लौड़ा मास्टर की गांड में घुसा दिया.
मास्टर को तकलीफ तो बहुत हुयी पर दांत भींचकर चुदाता रहा. पीछे से चौधरी मार रहा था और आगे से दीवार पर सर भीड़ रहा था.
अगले दिन लड़का फिर बोला - "मास्टरजी आपको माँ ने बुलाया है "
मास्टर - " बहन के लौडे, या तो तेरे घर आटा ख़त्म हो गया होगा या तेरे बाप का लंड खडा हो गया होगा, भेनचोद, तेरे घर तो वो जायेगा जिसका सर लोहे का और गांड पीतल की हो.....
Yeh duniya... pital di....
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