पत्थर को पिस कर
कभी मैदा नहीं हुआ।
और हिन्दुओ को झुका दे
ऐसा लाल
पैदा नहीं हुआ।
: " मेरा कत्ल कर दो
कोई शिकवा ना होगा,
मुजे धोखा दे दो
कोई बदला न होगा,
पर अगर जो आँख उठी मेरे वतन पे,
तो फिर तलवार उठेगी
और फिर कोई समझौता न होगा...!!
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: उठा कर तलवार जब घोडे पर सवार होते,
बांध कर पगड़ी जब भी हम तैयार होते ,
देखते लोग छत पर चढ कर हमको,
ओर कहते काश हम भी हिन्दू होते वन्देमातरम
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