Friday, January 9, 2015

हम तो हरियाणा आले न्यूं ए काचे काट्टैंगे

सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

रेल के मैं सोण का
पाँच रपिये खोण का
दारू पी कै रोण का सुवाद न्यारा सै

टील्ले तैं नीचे भाज्जण का
ब्याहली रात नै जागण का
कात्तक में जाडा लागण का स्वाद न्यारा सै

खड़ी शिखर दुफैरी मैं जै काली घटा छाज्या
सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

मन्त्री के गेल्याँ यारी का
कंगले नै मोटर लारी का
अर आधी छुट्टी सारी का सुवाद न्यारा सै

खेत में रोट्टी खाण का
जोहोड़ के म्हां न्हाण का
याणे बालक नै खिलाण का सुवाद न्यारा सै

बाट हो दूर की, अर धूरर की सवारी पाज्या
सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

गर्मियाँ मैं आम का
फागण की शाम का
मीठे-मीठे जुकाम का सुवाद के कहूँ

जाडे मैं रजाई का
छोह मैं समाई का
बूढ़े की सगाई का सुवाद के कहूँ

झड़ कै म्हाँ जै थानेदार रिपट कै पड़ज्या
सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

मौके पै कही गई बात का
माँ नैं बालक की लात का
मींह मैं टपकती छात का सुवाद के कहूँ

खाट पै तैं पड़ण का
सूते-सूते डरण का
तड़कै-ए होका भरण का सुवाद के कहूँ

सुवाद-सुवाद में सूल्फे का ऐबी किलो लाड्डू खाज्या

सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

ठाड्डे गेल्याँ अकड़ण का
भाज कै रेल पकड़ण का
कुण्डी मैं सोटा रगड़ण का सुवाद तो ले कै देख

होके मैं डीकड़े तोड़ण का
हारे मैं पखिचड़ी रोड़ण का
भजा के टैक्टर मोड़ण का सुवाद तो ले कै देख

टैक्टर पै होती ढूका हो, बनड़ा लाग झटका पड़ज्या
सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात पै आज्या

BY: हम तो हरियाणा आले न्यूं ए काचे काट्टैंगे

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