Monday, January 19, 2015

चुचि कि आत्मकथा

मेरा जनम 12 साल बाद हुआ,

जब मैं बिलकुल छोटी थी,
तब मै फ्रॉक में सोती थी

फिर मेरे आकार का विस्तार हुआ,
निम्बू बढ़ के अनार हुआ

जब मै बढ़ने लगी,
हर किसी कि नज़र मुझ पे पड़ने लगी

हुआ फिर ब्रा मेरा घर,
अब लगने लगा मुझे डर

जब मेरा साइज़ हुआ बड़ा,
जानें कितनो का हुआ खड़ा

भीड़ में लड़को ने हाथ मारा,
मुझे एहसास हुआ बहोत प्यारा

फिर न जानें कितनो ने दबाया,
सच कहु तो बड़ा मज़ा आया

किसी ने प्यार से सहलाया,
किसी को प्यार से चुसवाया.

किसी ने मुझे मसल दिया,
किसी ने मुझपे अपना पोपट रगड़ दिया.

अब जब मै गयी झूल,
सारे मादरचोद मुझको गए भूल...

हसो मत कमीनो फॉरवर्ड करो ... नया है


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